
दिल्ली यूनिवर्सिटी (Delhi University) में पिछले दो-तीन दिनों से पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम्स के एडमिशन में हिस्सा लेने वाले सैकड़ों छात्रों (PG Students) की नींद उड़ी हुई है. इन छात्रों का आरोप है कि दिल्ली यूनिवर्सिटी ने 17 अगस्त को अपनी पहली कटऑफ लिस्ट (First Cutoff list) में अलग-अलग विषयों के लिए डिपार्टमेंट और कॉलेज आवंटित कर दिए थे, जिसे अब रद्द किया जा रहा है. छात्रों का आरोप है कि 19 अगस्त के सुबह 10 बजे के बाद से ही ई-मेल और मैसेज के द्वारा सीट अलॉटमेंट रद्द करने की सूचना दी जा रही है. कुछ छात्रों की यह भी शिकायत है कि उनका मैरिट लिस्ट में हाई मार्क्स आने के बाद भी अभी तक सीट अलॉटमेंट नहीं किया गया है. बता दें कि दिल्ली के लॉ-डिपार्टमेंट से भी इस तरह की शिकायतें लगातार आ रही हैं. कई छात्रों ने न्यूज को बताया है कि उनका फीस जमा कराने के बाद अलॉटमेंट रद्द कर दिया.
बता दें कि Delhi University ने पीजी प्रोगाम्स के एडमिशन में इस बार ओपन कटऑफ लिस्ट नहीं निकाला है. इस कारण छात्रों ने धांधली की भी आशंका से इंकार नहीं किया है. हालांकि, 21 अगस्त को छात्रों के द्वारा विरोध प्रदर्शन के बाद यूनिवर्सिटी प्रशासन ने एक नोटिफिकेशन निकाल कर छात्रों को आश्वासन दिया है कि जिन छात्रों का सीट अलॉटमेंट के बाद रिजेक्ट किया गया है, उनको यूनिवर्सिटी दूसरे राउंड के कटऑफ लिस्ट में विचार करेगा. लेकिन, डीयू का नियम यह कहता है कि जिन छात्रों का रिजक्शन हुआ है उनको अगले लिस्ट में कंसिडर नहीं किया जाएगा तो फिर डीयू प्रशासन के आश्वासन पर कितना भरोसा करें?
दिल्ली विश्वविद्यालय में ये क्या हो रहा है? -
DU मैनेजमेंट के इस फैसले के बाद छात्रों के परिजन भी परेशान हो रहे हैं. बिहार, यूपी, राजस्थान सहित कई राज्यों के आए छात्र और उनके परिजन डीयू कैंपस के अंदर-बाहर दौड़ लगा रहे हैं. आपको बता दें कि देश में पीजी में दाखिले के लिए कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट होते हैं. इस टेस्ट का आयोजन नेशनल टेस्टिंग एजेंसी एनटीए कराती है. इस इग्जाम का रिजल्ट पिछले महीने 20 जुलाई को जारी किया गया था. इस रिजल्ट के आधार पर ही देश की अलग-अलग विश्वविद्यालयों में पीजी में दाखिला होता है.
छात्रों ने DU प्रशासन पर लगयाा यह आरोप -
पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम्स के पॉलिटिकल साइंस विषय में अप्लाई करने वाले छात्र सोहम अग्रवाल न्यूज के साथ बातचीत में कहते हैं, ‘इस साल दिल्ली यूनिवर्सिटी में पीजी के एडमिशन सेंट्र्ल यूनिवर्सिटी एंट्रेस टेस्ट के आधार पर हो रहे हैं. रिजल्ट आने के बाद मैंने डीयू के पॉलिटिकल साइंस डिपार्टमेंट में अप्लाई किया था. डीयू ने इस बार कटऑफ नहीं निकाला और कहा कि आपको CSAS – PG पोर्टल पर अपनी प्रीफरेंस भरनी है. यानी कॉलेज के लिए आप पहले, दूसरे और तीसरे नंबर का प्रीफरेंस साइट पर दें. आपके मार्क्स के आधार पर आपको डिपार्टमेंट और कॉलेज अलॉट कर दिए जाएंगे. मेरी पहली प्राथमिकता डिपार्टमेंट ऑफ पॉलिटिकल साइंस नॉर्थ कैंपस अलॉट कर दी गई. सीट अलॉटमेंट के बाद एक्सेप्ट और रिजेक्ट करना होता है. मैंने एक्सेप्ट कर लिया.’
कटऑफ लिस्ट पर क्यों बचा है बवाल -
अग्रवाल कहते हैं, ‘अब डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन का प्रोसेस शुरू होता है. डॉक्यूमेंट्स वेरिफिकेशन के आधार पर मेरा अलॉमेंट रिजेक्ट कर दिया गया और कहा गया कि आपका वेरिफिकेशन फेल हो गया. उन्होंने रिजेक्शन का वजह आधार नंबर- 4 बताया. आपको बता दें कि चौथा आधार यह है कि आपसे जो पूछा गया उसका आपने सही समय पर जवाब नहीं दिया. जबकि, CSAS – PG पोर्टल ने हमलोगों से किसी प्रकार का कोई संपर्क ही नहीं किया और न पोर्टल पर रिजेक्शन के बारे में लिखा.’
अग्रवाल आगे कहते हैं, इसके बाद हमलोगों लगभग 200 छात्रों ने एक ग्रुप बना कर डीयू प्रशासन को मेल किया. डीयू प्रशासन ने हमारे मेल का कोई जवाब नहीं दिया तो हमलोगों ने 21 अगस्त को इसके बारे में शिकायत की. हमलोगों की शिकायत के बाद डीयू प्रशासन ने कहा है कि दूसरे कटऑफ लिस्ट में आपलोगों पर विचार किया जाएगा. जबकि, किसी छात्र की आवेदन एक बार रिजेक्ट कर दिया जाता है तो उनको आगे के एडमिशन प्रोसेस में विचार के लायक नहीं समझा जाता है. 25 अगस्त को दूसरी लिस्ट निकलने वाली है. ऐसे में हमलोगों को डर सता रहा है कि अब क्या होगा. जबकि, मार्क्स के आधार पर अभी तक हमलोगों को डिपार्टमेंट और कॉलेज मिल जानी चाहिए थी.’
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