NEET UG 2024 परीक्षा में अनियमितताओं के आरोपों के बाद छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट में री-एग्जाम के लिए याचिका दायर की है। इस याचिका में छात्रों ने सीबीआई जांच की मांग की है, ताकि परीक्षा में हुई गड़बड़ियों की निष्पक्ष और व्यापक जांच हो सके। छात्रों का कहना है कि नीट यूजी परीक्षा में बड़े पैमाने पर धांधली और पेपर लीक की घटनाएं सामने आई हैं, जिससे उनकी मेहनत पर पानी फिर गया है।
छात्रों ने दिल्ली और अन्य प्रमुख शहरों में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किया है, जिसमें उन्होंने अपने अधिकारों और न्याय की मांग की है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि परीक्षा के दौरान तकनीकी गड़बड़ियों और प्रबंधन की खामियों ने उनकी संभावनाओं पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है। छात्रों का आरोप है कि कई परीक्षा केंद्रों पर प्रश्नपत्र समय से पहले ही लीक हो गए थे, जिससे कुछ छात्रों को अनुचित लाभ मिला।
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में छात्रों ने यह भी मांग की है कि जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती, तब तक परीक्षा के परिणामों को रोका जाए। छात्रों का कहना है कि इस प्रकार की गड़बड़ियों से उनकी करियर की दिशा प्रभावित होती है और इसलिए वे चाहते हैं कि मामले की निष्पक्ष जांच हो। याचिका में यह भी कहा गया है कि परीक्षा प्रणाली में सुधार की आवश्यकता है ताकि भविष्य में इस प्रकार की समस्याओं का सामना न करना पड़े।
छात्रों के इस आंदोलन को विभिन्न छात्र संगठनों और अभिभावकों का भी समर्थन मिल रहा है। कई संगठनों का कहना है कि नीट यूजी जैसी महत्वपूर्ण परीक्षा में गड़बड़ियों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। छात्रों ने अपनी मांगों को लेकर केंद्रीय शिक्षा मंत्री को भी ज्ञापन सौंपा है और उनसे हस्तक्षेप करने की मांग की है।
NEET UG 2024 की परीक्षा में अनियमितताओं की खबरें सामने आने के बाद छात्रों का गुस्सा भड़क उठा है। कई छात्रों ने सोशल मीडिया पर अपनी परेशानियों और अनुभवों को साझा किया है। छात्रों का कहना है कि परीक्षा के दौरान उन्हें कई तकनीकी समस्याओं का सामना करना पड़ा, जैसे कि सर्वर डाउन होना और प्रश्नपत्र सही समय पर न मिलना।
छात्रों की मांग है कि नीट यूजी परीक्षा की निष्पक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित की जाए। वे चाहते हैं कि सीबीआई जांच से पता चले कि परीक्षा में किस स्तर पर गड़बड़ियां हुई हैं और दोषियों को सजा दी जाए। छात्रों का कहना है कि वे अपने हक की लड़ाई आखिरी दम तक लड़ेंगे और न्याय मिलने तक शांत नहीं बैठेंगे।
सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने वाले छात्रों का कहना है कि उन्होंने परीक्षा की तैयारी में सालों मेहनत की है और ऐसी गड़बड़ियों के कारण उनके भविष्य पर संकट मंडरा रहा है। छात्रों का यह भी कहना है कि परीक्षा प्रणाली में सुधार की दिशा में ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में ऐसी स्थिति न उत्पन्न हो।
छात्र संगठनों का कहना है कि सरकार को नीट यूजी परीक्षा के आयोजन की प्रक्रिया को पुनः समीक्षा करनी चाहिए। वे यह भी मांग कर रहे हैं कि परीक्षा के आयोजन से पहले सभी तकनीकी व्यवस्थाएं पूरी तरह से चेक की जाएं ताकि छात्रों को परीक्षा देते समय किसी भी प्रकार की परेशानी न हो।
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का निर्णय अत्यंत महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि यह न केवल नीट यूजी परीक्षा की पारदर्शिता सुनिश्चित करेगा, बल्कि देश भर के लाखों छात्रों के भविष्य पर भी इसका प्रभाव पड़ेगा। छात्रों की याचिका और प्रदर्शन ने शिक्षा क्षेत्र में पारदर्शिता और निष्पक्षता के महत्व को एक बार फिर से उजागर किया है।
अंततः, यह मामला शिक्षा प्रणाली में सुधार की आवश्यकता की ओर इशारा करता है। छात्रों का कहना है कि वे इस लड़ाई को केवल अपने लिए नहीं, बल्कि भविष्य में आने वाले छात्रों के लिए भी लड़ रहे हैं। वे चाहते हैं कि शिक्षा प्रणाली में ऐसी प्रक्रियाएं विकसित हों, जो पूरी तरह से पारदर्शी और निष्पक्ष हों।
सरकार और शिक्षा मंत्रालय को भी इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए और छात्रों की समस्याओं को सुनकर समाधान निकालने की दिशा में काम करना चाहिए। छात्रों का यह आंदोलन उनकी शिक्षा के अधिकार और एक निष्पक्ष परीक्षा प्रणाली की मांग को बल देता है, जो कि किसी भी लोकतांत्रिक समाज का मूलभूत आधार है।
इस पूरे प्रकरण ने यह स्पष्ट कर दिया है कि शिक्षा क्षेत्र में सुधार की अत्यंत आवश्यकता है। छात्रों का संघर्ष एक न्यायपूर्ण प्रणाली की स्थापना की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो देश के भविष्य के लिए भी अत्यंत आवश्यक है। अब सभी की निगाहें सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर टिकी हैं, जो इस मामले में क्या रुख अपनाता है और छात्रों को न्याय दिलाने के लिए क्या कदम उठाए जाते हैं।