UPSESSB TGT PGT EXAM : उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड (UPSESSB), प्रयागराज द्वारा आयोजित की जाने वाली यूपी टीजीटी पीजीटी परीक्षा (UPSESSB TGT PGT EXAM) के लिए अभ्यर्थियों के इंतजार से पहले एक बड़ी खबर सामने आई है। दरअसल अभी तक सेवा चयन बोर्ड ने यूपी टीजीटी पीजीटी परीक्षा (UPSESSB TGT PGT EXAM) के लिए कोई खास जानकारी साझा नहीं की है। वहीं अब अचानक से सेवा चयन बोर्ड द्वारा यूपी टीजीटी पीजीटी परीक्षा (UPSESSB TGT PGT EXAM) को रद्द किए जाने तक की सूचना सामने आने लगी है। आइए जानते हैं पूरी जानकारी...
नहीं शुरू होगी परीक्षा (Exam will not start) -
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड (UPSESSB), प्रयागराज द्वारा यूपी टीजीटी पीजीटी परीक्षा (UPSESSB TGT PGT EXAM) के लिए बड़ी खबर सामने आई है। खबर के मुताबिक अब यूपी टीजीटी पीजीटी परीक्षा (UPSESSB TGT PGT EXAM) के लिए परीक्षा नहीं होगी। वहीं खबर में तो यहां तक दावा किया जा रहा है कि सेवा चयन बोर्ड द्वारा यूपी टीजीटी पीजीटी परीक्षा (UPSESSB TGT PGT EXAM) को रद्द किया जा सकता है। हालांकि खबर में इसका कोई ठोस सबूत नहीं है।
लोकसभा चुनावों के कारण पहले ही इस परीक्षा को स्थगित कर दिया गया था This exam was already postponed due to Lok Sabha elections
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड (UPSESSB) द्वारा आयोजित टीजीटी (प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक) और पीजीटी (प्रवक्ता) परीक्षा, जो पहले ही कई बार स्थगित हो चुकी है, अब रद्द होने की कगार पर पहुंच चुकी है। सूत्रों के अनुसार, लोकसभा चुनाव के बाद भी इन परीक्षाओं का आयोजन नहीं हो पाएगा।
लोकसभा चुनावों के कारण पहले ही इस परीक्षा को स्थगित कर दिया गया था, लेकिन अब ऐसा प्रतीत होता है कि निकट भविष्य में भी परीक्षा का आयोजन संभव नहीं है। चयन बोर्ड के एक अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि चुनावों के बाद भी प्रशासनिक और तकनीकी समस्याओं के कारण परीक्षा की तारीख तय नहीं हो पाई है।
उम्मीदवारों में इस फैसले से भारी निराशा और असमंजस की स्थिति बनी हुई है। टीजीटी और पीजीटी परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्र पिछले कई महीनों से मेहनत कर रहे हैं और अब परीक्षा रद्द होने की संभावनाओं से उनका मनोबल टूट रहा है। कई छात्रों ने अपनी नौकरी छोड़कर या पढ़ाई से ब्रेक लेकर इन परीक्षाओं की तैयारी की थी।
परीक्षा स्थगित होने की वजह से शिक्षण संस्थानों में शिक्षकों की कमी बनी हुई है, जिससे छात्रों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है। कई स्कूल और कॉलेजों में शिक्षकों की भारी कमी है, जिससे पढ़ाई का स्तर गिर रहा है। शिक्षकों की कमी से सबसे ज्यादा प्रभावित सरकारी स्कूल और ग्रामीण क्षेत्र के स्कूल हो रहे हैं।
विभिन्न शिक्षक संघ और छात्र संगठनों ने इस मुद्दे पर सरकार और चयन बोर्ड के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी किया है। उनका कहना है कि यह स्थिति छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है और इसे जल्द से जल्द सुलझाया जाना चाहिए। शिक्षक संघों का कहना है कि अगर जल्द ही परीक्षा का आयोजन नहीं हुआ तो वे व्यापक स्तर पर आंदोलन करेंगे।
चयन बोर्ड के सामने प्रमुख समस्या यह है कि एक साथ इतनी बड़ी संख्या में परीक्षार्थियों के लिए परीक्षा केंद्रों की व्यवस्था करना और निष्पक्ष परीक्षा का आयोजन करना चुनौतीपूर्ण हो गया है। इसके अलावा, परीक्षा में नकल और अन्य अनियमितताओं को रोकने के लिए भी विशेष इंतजाम करने की आवश्यकता है।
सरकार और चयन बोर्ड इस मुद्दे पर मंथन कर रहे हैं और जल्द ही कोई समाधान निकालने की कोशिश की जा रही है। हालाँकि, फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि परीक्षा कब आयोजित की जाएगी। छात्रों और शिक्षकों को उम्मीद है कि जल्द ही इस समस्या का समाधान होगा और परीक्षा की नई तिथियों की घोषणा की जाएगी।
इस बीच, छात्रों को सलाह दी गई है कि वे अपनी तैयारियों को जारी रखें और बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट पर नियमित रूप से अपडेट देखते रहें। उम्मीद है कि जल्द ही इस मामले में सकारात्मक निर्णय लिया जाएगा और परीक्षा की नई तिथियों की घोषणा की जाएगी।